एंड्रॉयड का इतिहास

एंड्रॉयड का इतिहास: जानिए कैसे एक छोटी सी शुरुआत ने बदल दी मोबाइल की दुनिया!

आज एंड्रॉयड दुनिया का सबसे लोकप्रिय मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम है। दुनिया के 80% से ज़्यादा स्मार्टफोन एंड्रॉयड पर चलते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी शुरुआत कैसे हुई? एंड्रॉयड का सफर एक छोटे स्टार्टअप से शुरू हुआ और गूगल के हाथों में आकर यह टेक्नोलॉजी की दुनिया का “गेम-चेंजर” बन गया। आइए, जानते हैं एंड्रॉयड के इतिहास की पूरी कहानी!


शुरुआत: एंड्रॉयड इंक और गूगल का अधिग्रहण (2003-2005)

एंड्रॉयड की नींव 2003 में एंडी रूबिन और उनकी टीम ने रखी। शुरुआत में यह प्रोजेक्ट डिजिटल कैमरों के लिए OS बनाने के लिए था, लेकिन बाद में स्मार्टफोन पर फोकस शिफ्ट कर दिया गया।

  • 2005 में गूगल ने एंड्रॉयड इंक को खरीद लिया और इसे अपने मोबाइल एम्बिशन का हिस्सा बनाया।
  • एंडी रूबिन को “एंड्रॉयड का पिता” कहा जाता है।

पहला एंड्रॉयड वर्जन: एंड्रॉयड 1.0 और HTC ड्रीम (2008)

एंड्रॉयड का पहला कमर्शियल वर्जन सितंबर 2008 में लॉन्च हुआ। HTC कंपनी ने पहला एंड्रॉयड फोन HTC ड्रीम (T-Mobile G1) बाज़ार में उतारा।

  • फीचर्स:
    • गूगल सर्विसेज (जीमेल, मैप्स, यूट्यूब) का सपोर्ट।
    • पहला ओपन-सोर्स मोबाइल OS, जिससे डेवलपर्स को अपने ऐप्स बनाने की आज़ादी मिली।
    • फिजिकल कीबोर्ड और ट्रैकबॉल वाला डिज़ाइन।

मिठाइयों के नाम वाले वर्जन: कपकेक से लेकर पाई तक (2009-2018)

गूगल ने एंड्रॉयड के वर्जन को मिठाइयों और डेज़र्ट के नाम दिए, जो अल्फाबेटिकल ऑर्डर में थे।

एंड्रॉयड 1.5 कपकेक (2009)

  • पहला वर्जन जिसने ऑन-स्क्रीन कीबोर्ड और विजेट्स की सुविधा दी।
  • वीडियो रिकॉर्डिंग और यूट्यूब अपलोड का सपोर्ट।

एंड्रॉयड 2.2 फ्रॉयो (2010)

  • हॉटस्पॉट और फ्लैश लाइट फीचर जोड़े गए।
  • ऐप्स को SD कार्ड में सेव करने की सुविधा।

एंड्रॉयड 4.1 जेली बीन (2012)

  • गूगल नाउ (वर्चुअल असिस्टेंट) की शुरुआत।
  • यूजर इंटरफेस को और स्मूथ बनाया गया।

एंड्रॉयड 5.0 लॉलीपॉप (2014)

  • मटेरियल डिज़ाइन लॉन्च हुआ, जिसने ऐप्स को आकर्षक और यूजर-फ्रेंडली बनाया।
  • बैटरी सेवर मोड और डिवाइस शेयरिंग की सुविधा।

एंड्रॉयड 8.0 ओरियो (2017)

  • पिक्चर-इन-पिक्चर मोड और नोटिफिकेशन डॉट्स जोड़े गए।
  • बैकग्राउंड ऐप्स पर लिमिट लगाकर बैटरी लाइफ बेहतर की गई।

मिठाई के नाम खत्म: एंड्रॉयड 10 से नई शुरुआत (2019)

2019 में गूगल ने एंड्रॉयड के वर्जन को सिंपल नंबरिंग सिस्टम में बदल दिया।

  • एंड्रॉयड 10:
    • डार्क मोड और जेस्चर नेविगेशन की शुरुआत।
    • लोकेशन और माइक्रोफोन एक्सेस को कंट्रोल करने के लिए प्राइवेसी फीचर्स

आधुनिक दौर: एंड्रॉयड 12 और Material You (2021)

एंड्रॉयड 12 ने UI/UX को पूरी तरह बदल दिया।

  • मटेरियल यू डिज़ाइन: यूजर के वॉलपेपर के रंग से ऑटोमैटिक थीम मैच करना।
  • फास्ट पेयरिंग: वाई-फाई और ब्लूटूथ डिवाइस को जल्दी कनेक्ट करना।
  • गेमिंग: गेम्स के लिए फास्ट टैप रिस्पॉन्स और बैटरी ऑप्टिमाइज़ेशन।

एंड्रॉयड का प्रभाव: स्मार्टफोन को बनाया “सबका फोन”

  • ओपन-सोर्स नेचर: किसी भी कंपनी को फ्री में OS यूज़ करने की आज़ादी दी।
  • ऐप इनोवेशन: प्ले स्टोर पर 30 लाख+ ऐप्स उपलब्ध हैं।
  • सस्ते डिवाइस: एंड्रॉयड ने लो-कॉस्ट फोन बनाकर टेक्नोलॉजी को सबकी पहुँच में लाया।

निष्कर्ष

एंड्रॉयड की कहानी टेक्नोलॉजी के सबसे बड़े सफर में से एक है। कपकेक से शुरू होकर अब तक यह OS न केवल स्मार्टफोन्स, बल्कि स्मार्टवॉच, टीवी, और कार्स तक पहुँच चुका है। AI, फोल्डेबल स्क्रीन, और 5G के साथ एंड्रॉयड का भविष्य और भी रोमांचक है।


FAQ: एंड्रॉयड से जुड़े सवाल

Q1. एंड्रॉयड का मालिक कौन है?
एंड्रॉयड गूगल की कंपनी है, लेकिन यह ओपन-सोर्ट्स है, जिसे किसी भी मैन्युफैक्चरर को मुफ्त में यूज़ करने की अनुमति है।

Q2. एंड्रॉयड वर्जन के नाम मिठाइयों के क्यों होते थे?
गूगल की टीम को मिठाइयाँ पसंद थीं, इसलिए उन्होंने अल्फाबेटिकल ऑर्डर में नाम रखे, जैसे कपकेक, डोनट, ईक्लेयर।

Q3. एंड्रॉयड का नया वर्जन कौन सा है?
अगस्त 2023 तक एंड्रॉयड 13 लॉन्च हो चुका है, और एंड्रॉयड 14 डेवलपमेंट फेज़ में है।

Q4. क्या एंड्रॉयड iOS से बेहतर है?
यह यूजर की ज़रूरत पर निर्भर करता है। एंड्रॉयड कस्टमाइज़ेशन और वैरायटी में आगे है, वहीं iOS सिक्योरिटी और परफॉर्मेंस में।

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